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Friday, January 22, 2021

How to prepare for copetitive examination

एग्जाम की तैयारी

       यूं तो आज कल हर नयी पीढ़ी का बच्चा डॉक्टर और इंजीनियर बनना चाहता है और इस सपने को वह बचपन से ही देखना सुरु कर देता है, पर इसके लिए जो स्ट्रेटजी मैट्रिक के तुरंत बाद बनानी चाहिए वो बहुत कम स्टूडेंट में होता है और जिसने सही प्लानिंग के साथ तैयारी की उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।  ज्यादातर स्टूडेंट्स मेहनत तो करते है पर सही स्ट्रेटजी नहीं बना पाते है और कॉम्पटीटिव इम्तिहान में सफल नहीं हो पाते हैं।

दर असल सही प्लानिंग नहीं होने की वजह से ही सफलता  प्राप्त नहीं होता है। और अंत में सालों रुपए बरबाद करने के बाद घर वापस जाना पड़ता है। इस से घर के माली हालत ख़राब होता है और अपने परिवार के लोग और समाज के लोग भी नाराज होते है। कभी कभी बात और ज्यादा बढ़ जाती है जिस से हमारे नई पीढ़ी के बच्चें गलत कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं।

तो सही प्लानिंग कैसे करें जिस से हम सफल हो जाएं और अपने परिवार और समाज का नाम रोशन करे? यह प्रश्न हर किसी के मन में होता है पर उतर नहीं मिल पाता है। इन्हीं सारे सवालों के हल ढूंढ़ते है और सही प्लानिंग कैसे करके सफलता मिलती है इसके बारे में जानते है।

सब्जेक्ट की प्लानिंग:-

सबसे पहले हमें खुद को परखना जरूरी है के हम किस सब्जेक्ट में कमजोर है। जिस सब्जेक्ट का बेसिक कॉन्सेप्ट  सही नहीं है उस पर ख़ास ध्यान देना जरूरी होता है। लेकिन हकीक़त यह है कि ज्यादातर स्टूडेंट्स को खुद के बारे में पता ही नहीं होता है कि उसे किसी खास सब्जेक्ट में कितनी गहराई होनी चाहिए ताकि एग्जाम क्लियर किया का सके। इसलिए सुरु से ही हर सब्जेक्ट के लिए अलग अलग ट्यूशन ले लें। इस से ना सिर्फ बेसिक कॉन्सेप्ट क्लियर होगा बलके सब्जेक्ट की गहराई भी समझ में आती है। किसी भी एग्जाम के लिए सारे सब्जेक्ट का बैलेंस होना जरूरी होता है। इंडिविजुअल सब्जेक्ट का ट्यूशन लेना इसलिए जरूरी है क्योंकि हर सब्जेक्ट के ट्यूटर को अपने अपने सब्जेक्ट में कमांड होता है और कुछ टेक्नीक्स भी अप्लाई करते है उस सब्जेक्ट के लिए। इसलिए कभी भी शॉर्टकट ना ले याद रहे।

टॉपिक्स की स्ट्रैटजी:-

अब हर सब्जेक्ट में बहुत सारे टॉपिक्स होते है। और किसी भी एग्जाम में सारे टॉपिक्स से क्वेशचन नहीं पूछे जाते है। इसलिए टॉपिक्स सेलेक्ट करना बहुत जरूरी होता है। कुछ टॉपिक्स बहुत महुतायपुर्ण होता है और उस टॉपिक्स पे कमांड होना जरूरी है। कुछ टॉपिक्स कम महुतापुर्ण होते है तो उस पे कम समय लगाए। अपने समय के अनुसार टॉपिक्स को इम्पोर्टेंस दे। 

एग्जाम की  तैयारी की कुछ खास बाते।

कभी भी मैट्रिकुलेशन के बाद सीधे कॉचिंग में एडमिशन नहीं लेना चाहिए। कोचिंग संस्थान में सिर्फ पुराने पढ़े हुए चिजों को रिफ़्रेश किया जाता है और कुछ एग्जाम ट्रिक्स बताया जाता है। एग्जाम ट्रिक्स उसी को फायदा पहुंचाता है जिसे पहले से सब्जेक्ट में नॉलेज होता है। बेसिक कॉन्सेप्ट सिर्फ इंडिविजुअल ट्यूशन से ही आता है। 

कॉम्पटीटिव या किसी भी एग्जाम की तैयारी के लिए खुद का एक डेली रूटीन होना जरूरी है। इसे आप सब्जेक्ट के हिसाब से या ट्यूशन टाइम के हिसाब से सेट कर सकते हैं। 
नए टॉपिक्स को सुरु करने से पहले पुराने पढ़े रेलेवेंट टॉपिक्स पर एक नजर जरूर डाल लें। इस से रिवीजन में आसानी होती है।

याद रहे "सही प्लानिंग और सही स्ट्रैटजी के साथ मेहनत" कामयाबी की कुंजी है। सिर्फ मेहनत से आजकल कामयाबी नहीं मिलती है।


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